Ratan Tata Biography in Hindi: एक महान उद्योगपति और समाजसेवी का सफर
Ratan Naval Tata का जन्म 28 दिसंबर 1937 और निधन 9 अक्टूबर 2024 को हुआ था। वह भारतीय उद्योग जगत के एक महान उद्यमी, परोपकारी और दृष्टिवान नेता थे। उन्होंने 1991 से 2012 तक Tata Group और Tata Sons के चेयरमैन के रूप में कार्य किया और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन की भूमिका निभाई। उन्हें भारत सरकार द्वारा Padma Bhushan (2000) और Padma Vibhushan (2008) जैसे उच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए गए।
बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
Ratan Tata का जन्म ब्रिटिश राज के दौरान Bombay (अब Mumbai) में एक Parsi Zoroastrian परिवार में हुआ था। वे Naval Tata और Soonoo Tata के पुत्र थे। उनके पिता Naval, Ratanji Tata द्वारा गोद लिए गए थे, जो Jamsetji Tata के पुत्र थे — Tata Group के संस्थापक।
उनकी परवरिश उनकी दादी Navajbai Tata ने की थी, जो Ratanji Tata की विधवा थीं। Ratan Tata के छोटे भाई Jimmy Tata और सौतेले भाई Noel Tata थे।
शिक्षा और आरंभिक करियर
Ratan Tata की प्रारंभिक शिक्षा Campion School, Mumbai, फिर Cathedral and John Connon School, Bishop Cotton School (Shimla) और अंततः Riverdale Country School (New York) में हुई। 1955 में उन्होंने स्नातक किया और Cornell University से आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वे Alpha Sigma Phi फ्रैटर्निटी के सदस्य भी थे।
1975 में उन्होंने Harvard Business School का Advanced Management Program पूरा किया।
Tata Group में प्रवेश और नेतृत्व
Ratan Tata ने 1962 में Tata Group में एक सामान्य कर्मचारी के रूप में Tata Steel की शॉप फ्लोर से शुरुआत की। उन्होंने 1970 के दशक में NELCO को पुनर्जीवित कर अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया। 1991 में J. R. D. Tata के रिटायरमेंट के बाद उन्हें Tata Sons का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
ग्लोबल विज़न और ऐतिहासिक अधिग्रहण
उनकी दूरदर्शिता के तहत Tata Group ने कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण किया:
- Tetley को Tata Tea ने खरीदा।
- Jaguar Land Rover को Tata Motors ने अधिग्रहित किया।
- Corus को Tata Steel ने खरीदा।
इन अधिग्रहणों ने Tata को एक वैश्विक ब्रांड बना दिया, जिससे 65% से अधिक रेवेन्यू अंतरराष्ट्रीय व्यापार से आने लगा।
Tata Nano और नवाचार
Ratan Tata ने आम भारतीय के लिए कार को साकार करने का सपना देखा, जिससे जन्म हुआ Tata Nano का। यह दुनिया की सबसे सस्ती कार बन गई। इसके अलावा, Tata Motors ने Tigor EV की शुरुआत कर भारत के इलेक्ट्रिक फ्यूचर को गति दी।
सेवानिवृत्ति और उत्तराधिकारी संकट
28 दिसंबर 2012 को 75 वर्ष की उम्र में Ratan Tata ने Tata Group से रिटायरमेंट लिया। उनके बाद Cyrus Mistry को चेयरमैन बनाया गया, लेकिन 2016 में उन्हें हटा दिया गया और Ratan Tata अंतरिम चेयरमैन बने।
2017 में Natarajan Chandrasekaran को नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। हालांकि बाद में Cyrus Mistry को लेकर कानूनी विवाद भी हुए, जिन पर अंततः Supreme Court ने Tata Sons के पक्ष में निर्णय दिया।
स्टार्टअप्स में निवेश
Ratan Tata ने निजी रूप से और RNT Capital Advisors के माध्यम से 40 से अधिक स्टार्टअप्स में निवेश किया:
- Snapdeal
- Ola Cabs
- Teabox
- CashKaro
- Xiaomi
- Nestaway
- Dogspot
- Goodfellows – बुजुर्गों के लिए companionship आधारित स्टार्टअप
परोपकार और शिक्षा में योगदान
- Cornell University को $50 million का दान (सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय दानदाता)
- Harvard Business School को $50 million (Tata Hall की स्थापना)
- UC San Diego को $70 million (Tata Institute for Genetics and Society)
- Tata Innovation Center at Cornell Tech
- Tata Scholarship Fund ($28 million) – Cornell में भारतीय छात्रों के लिए
सामाजिक योगदान
- 1984 के Anti-Sikh Riots के बाद Tata Motors ने ट्रक डोनेट कर सिख परिवारों की मदद की।
- 2008 के Taj Hotel Attack के बाद पीड़ितों के घर जाकर सहायता पहुंचाई।
- Alzheimer’s पर रिसर्च के लिए IISc Bengaluru को ₹750 million का अनुदान।
- MIT Tata Center for Technology and Design की स्थापना।
सम्मान और वैश्विक भूमिका
Ratan Tata को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर सेवा करने का अवसर मिला:
- Prime Minister’s Council on Trade and Industry
- Cornell University Board of Trustees
- Carnegie Endowment for International Peace
- Alcoa Inc., Mondelez International, और अन्य अंतरराष्ट्रीय बोर्ड्स
व्यक्तिगत जीवन
Ratan Tata ने कभी शादी नहीं की। उन्होंने स्वीकार किया कि वे चार बार विवाह के करीब पहुंचे लेकिन किसी कारणवश पीछे हट गए। वे Sathya Sai Baba के अनुयायी थे।
अंतिम विदाई
9 अक्टूबर 2024 को Ratan Tata ने Breach Candy Hospital, Mumbai में अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा पर उन्हें राजकीय सम्मान, 21-gun salute, और Indian Flag में लिपटाया गया।
उन्होंने अपनी वसीयत में ₹10,000 करोड़ दान में देने की घोषणा की, जिसमें उनके प्रिय सहयोगी Shantanu Naidu का भी उल्लेख है।
निष्कर्ष
Ratan Tata का जीवन प्रेरणा, दृष्टिकोण और सेवा का प्रतीक था। उन्होंने न केवल भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर स्थापित किया बल्कि समाजसेवा और शिक्षा में भी अमूल्य योगदान दिया। वे भारत के सबसे सम्माननीय और यादगार व्यक्तित्वों में से एक बन गए हैं।
Disclaimer:
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